अभी छू गई है पुरवाई गालों को दे गया चुनौती कौन दर्द के उबालों को
कितनी भारी है आँखों का सूनापन सोया सा लगता है सांसों का सूनापन
पोर पोर में सरसों फूली आँखें रसमसाती मधु अतीत की सुगंध पीकर पांखें कसमसाती
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